December 22, 2024

Shayari

शिद्दत पता करने चली थी तेरे इश्क की, कीमत पता चल गयी मुझे मेरे इश्क की…
जाने फिर क्यूँ उलझ रही है ज़िंदगी, जाने किस मोड़ मुड रही है ज़िंदगी… मै नये पन्ने...