मुझे रोशिनी से भरे सवेरे देने के लिए,
ना जाने उसने अपने वक़्त से कितने लम्हे मेरे नाम कर दिए…
मेरे कदमो को बढ़ाने के लिए
ना जाने कितनी दफ़ा उसने अपने कदम थाम लिए…
सलाम है माँ तुझे
मेरे सपनो के लिए तूने अपने सपने कुर्बान कर दिए…
2 thoughts on “MAA”
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February 6, 2019
You right👌
So true….